शिक्षा ऋण हेतु कोई भी भारतीय नागरिक पात्र है।
माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, पति-पत्नी, सास-ससुर सह-बाध्यकर बन सकते हैं।
आवश्यकता आधारित।
मार्जिन के साथ-साथ विद्यार्थी/चुकौती क्षमता के आधार पर, व्यक्तिगत वरीयता पर आवश्यकता आधारित वित्तपोषण हेतु विचार किया जा सकता है।
जिस कोर्स के लिए पहले ही ऋण स्वीकृत किया जा चुका है, उसके लिए अतिरिक्त शिक्षा ऋण की आवश्यकता हेतु मूल परियोजना के भाग के रूप में वरीयता के आधार पर विचार किया जा सकता है।
आगे अध्ययन करने के लिए विद्यार्थियों को समग्र पात्रता सीमा के भीतर अपेक्षित प्रतिभूति लेने की स्थिति में, वरीयता के आधार पर टॉप अप ऋण देने पर विचार किया जा सकता है।
कोर्स की पूर्ण अवधि तक के लिए ऋण दिया जाता है तथा चुकौती अवकाश/अधिस्थगन के बाद 15 वर्ष के भीतर ऋण चुकाने की अनुमति मिलती है।
कोर्स अवधि + 1 वर्ष।
हां, यदि अध्ययन अवधि के दौरान ब्याज लिया जाता है जबकि योजना के अंतर्गत ब्याज/चुकौती हेतु चुकौती अवकाश निर्दिष्ट है, तो खाते में 1% ब्याज छूट उपलब्ध होती है। ब्याज दर में छूट प्रदान करने के बाद किसी भी समय लागू ब्याज दर, बैंक की आधार दर/एमसीएलआर से कम नहीं होगी।
हां, महिला लाभार्थियों को रु.10.00 लाख तक के बकाया हेतु 0.50% तथा रु.10.00 लाख से अधिक के बकाया हेतु 0.25% की छूट ब्याज दर में देने की अनुमति है।
चुकौती अवकाश/अधिस्थगन अवधि के दौरान मासिक अंतराल पर साधारण ब्याज प्रभारित किया जाता है जबकि चुकौती की तिथि से मासिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाता है।
25000/- तक के ऋण के लिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है। तथापि, चूक होने पर बकाया राशि पर 2% की दर से जुर्माना लगाया जाता है।
निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने आवश्यक है:
1. बैंक के प्रारूप में ऋण आवेदन।
2. पासपोर्ट आकार के फोटोग्राफ।
3. निवास स्थान का पता।
4. आयु का प्रमाण।
5. अंतिम अर्हक परीक्षा में प्राप्त उत्तीर्ण अंकों का प्रमाण।
6. प्रोफेशनल, तकनीकी या व्यावसायिक कोर्स में दाखिले का पत्र।
7. कोर्स की विवरणिका जिसमें प्रभार यथा प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, हॉस्टल प्रभार इत्यादि उल्लिखित है।
8. माता-पिता/सह-बाध्यकर/गारंटर की आस्तियों एवं देयताओं का विवरण।
9. यदि ऋण को आईपी के बंधक द्वारा संपार्श्विक रूप से सुरक्षित किया जाता है, तो स्वामित्व विलेख, मूल्यन प्रमाणपत्र और भार-रहितता प्रमाणपत्र बैंक के अनुमोदित वकील से उधारकर्ता की लागत पर प्राप्त किया जाएगा।
10. विद्यार्थी उधारकर्ता के पैन/आधार की प्रति।
11. एक घोषणापत्र/वचनपत्र जो इस बात की पुष्टि करता हो कि अन्य बैंकों से कोई ऋण नहीं लिया गया है।
12. मामले के आधार पर और ऋण के उददेश्य से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज/जानकारी।
कोई प्रोसेसिंग शुल्क/अग्रिम प्रभार नहीं लिया जाता है।
अधिस्थगन अवधि की बकाया राशि ब्याज चुकौती के आरंभ में ऋण राशि में जोडी जाएगी| चुकौती शुरू होने के समय इस राशि पर ईएमआई निर्धारित की जाएगी।
ऋण आवेदन विद्यार्थी के माता-पिता के निवास स्थान की नजदीकी शाखा में अथवा www.vidyalakshmi.co.in के माध्यम से ऑनलाइन जमा किया जाए।
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